Thursday, April 5, 2012

१०० टाका

ओहि सांझ जखन हम ऑफिस से देर राति घर एलहु त हमर बेटा हमरा लग सटि के आएल आ हमर हाथ अपन हाथ मे लय के पुछ्लक "पापा, अहां के एक घंटा के दरमाहा कतेक अछि ?" प्रश्न हमरा कनी अटपटा लागल लेकिन ध्यान देने बिना हम कहि देलियै "१०० रुपय्या" | कनी काल गुम रहलाक बाद आ ओंगरी पर किछु जोडला के बाद ओ हमरा कहलक "पापा, अहां हमरा ३० रुपय्या द सकैत छी ?" ऑफिस से थाकल ठहियाएल आएल छलहु, मोन पिता गेल | ओकरा हम बहुत ज़ोर से बिगडि के भगा देलियै| किछु कालक बाद जखन मोन ठनढाएल त ओकरा लग जा के ३० टाका दैत पुछलियै जे कोन खिलौना किनबाक छौ | ओ कहलक जे एक मिनट रुकु| तकिया तर से ओ किछु मोचरल टाका निकालि गिनय लागल | हमरा ई देखि फेर सृंगचढि गेल जे जखन ओकरा लग टाका छलैक त हमरा से किएक मंगलक | तावत ओकर गिनती ख़तम भ गेलैक आ ओ हमरा १०० टाका दैत कहलक - " पापा, ई लिय अहां अपन एक घंटा के दरमाहा | काल्हि अहां ऑफिस से एक घंटा पहिने आबि जाउ आ हमरा संग गेंद खेलाउ" | हमर मुह फक्के रहि गेल |

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