Thursday, April 12, 2012

जीवकक परीक्षा :: जगदीश मण्‍डल


जीवकक परीक्षा

आदर्श शिक्षक सिर्फ अध्ययने नै छात्रकेँ ओइ विद्यामे एहेन पारंगत बना दैत, जइसँ ओ स्वर्ण बनि चमकि उठैत। तक्षशिला विश्वविद्यालयमे सात बर्ख आयुर्वेदक शिक्षा पाबि आचार्य वृहस्पति जीवकक परीक्षा लऽ कऽ विदा करबाक समए निकाललनि। समए निकालि गुरु (वृहस्पति) जीवककेँ हाथमे खुरपी दैत कहलखिन- एक योजनक बीच एकटा एहेन पौघा उपाड़ि कऽ लेने आउ जेकर औषधि नै बनैत होय।
खुरपी लऽ जीवक विदा भेल। मास दिन घुमैत रहल मुदा एक्कोटा एहेन गाछ नै भेटलै जेकर औषधि नै बनैत होय। मास दिनक उपरान्त जीवक घुमि कऽ आबि वृहस्पतिकेँ कहलकनि- गुरुदेव, हमरा एक्कोटा एहेन गाछ नै भेटल जेकर औषधि नै बनैत होय।
जीवककेँ गरदनि लगबैत वृहस्पति कहलखिन- वत्स, अहाँ सफल भेलौं। आब अहाँ जाउ, आयुर्वेदक प्रचार करू।

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