Wednesday, April 11, 2012

बरदास्त :: जगदीश मण्‍डल


बरदास्त

अब्राहम लिंकन अमेरिकाक राष्‍ट्रपति रहथि। हुनक पत्नी चिड़चिड़ा एवं कठोर स्वभावक छेलखि‍न। जइसँ लिंकनक परिवारिक जीवन दुःखमय छलनि। कएक दिन एहेन होइत छलै जे जखन परिवारक सभ सूति रहै छल तखन लिंकन चुपचाप पछि‍ला दरबज्‍जासँ आबि सुइत रहैत छलाह। आ सुरुज उगैसँ पहिनहि तैयार भऽ निकलि आॅफिस चलि जाइत छलाह। दिन भरि अपन कार्यमे मस्त भऽ बि‍ता लैत छलाह। संगी-साथीक संग हँसी-मजाक कऽ मन बहला लैत छलाह।
एक दिन परिवारक एकटा नोकरकेँ हुनक पत्नी गारिओ पढ़लखिन आ फटकारबो केलखिन। ओइ नोकरकेँ बड़ दुख भेलै। ओ कोठीसँ निकलि सोझे लिंकनक आॅफिस जा सभ बात कहलकनि। नोकरक सभ बात सुनि लिंकन कहलखिन- ऐ भले आदमी, पनरह बर्खसँ हम ऐ परिस्थितिसँ मुकाबला करैत शान्तिसँ रहैत एलौं आ अहाँ एक्के दिनक फटकारमे एत्ते दुखी भऽ गेलौं। बरदास्त कऽ लिअ।
अचताइत-पचताइत वेचारा नोकर लिंकनक बात मानि लेलक।

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