Wednesday, April 11, 2012

साहस :: जगदीश मण्‍डल


साहस

सोवियत संघक नेता लेनिनपर एकटा सिरफिरा पेस्तौल चला देलकनि। गोली तँ निकलि गेलनि मुदा छर्रा गरदनिमे फँसले रहि गेलनि। तइ बीच देशमे एकटा पुल टूटि गेलै। पुल मुख्य मार्गमे छलै। तँए जत्ते जल्दी भऽ सकैत ओते जल्दी पुल बनाएब छलैक। आपात् स्थिति घोषित कऽ ओइ पुलक मरम्मत युद्धस्तरपर हुअए लगलैक। देशप्रेमी जनता ओइ काजमे लगि गेल। लेनिन सेहो ओइ काजमे जुटलाह। श्रमिके जकाँ लेनिनो काज करैत रहथि। गरदनिमे गोली रहनौं ओ बीस-बीस घंटा काज करैत रहथि। काज करैत देखि‍ एकटा श्रमिक पुछलकनि तखन ओ कहलखिन- अगुआ भऽ कऽ जखन हमहीं काजमे पाछू रहब तखन जन उत्साह केना बढ़तै? जकर खगता देशमे अछि।

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