Wednesday, April 11, 2012

मदति नै चाही :: जगदीश मण्‍डल


मदति नै चाही

मिश्रमे एकटा किलेन्थिस नामक लड़का एथेंसक तत्ववेत्ता जीनोक पाठशालामे पढ़ैत छल। किलेन्थिस बड़ गरीब छल। ने खाइक कोनो ठेकान आ ने देह झॅपैक लेल वस्त्रक। मुदा पाठशालामे सही समैपर फीस दऽ दैत छल। पढ़ैमे चन्सगर रहने सुभ्यस्त परिवार सभक विद्यार्थी ओकरासँ इर्ष्‍या करैत। किलेन्थिसकेँ दबबैले एकटा षड्यंत्र ओ सभ रचलक। षड्यंत्र यएह जे किलेन्थिस पाठशालामे जे फीस दैत अछि ओ चोरा कऽ अनैत अछि। चोरीक मोकदमा किलेन्थिसपर भेलै। पुलिस पकड़ि कऽ जहल लऽ गेलै। जखन ओकरा न्यायालयमे हाजिर कएल गेलै तखन ओ जजकेँ कहलक- हम निरदोस छी। हमरा फँसाओल गेल अछि। तँए हम अपन व्‍यानक लेल दूटा गवाही न्यायालयमे देब।
जजक आदेशसँ दुनू गवाही बजाओल गेल। पहिल गवाही एकटा माली छल आ दोसर वृद्धा औरत। मालीसँ पुछल गेल। माली कहलकै- सभ दिन ई लड़का हमरा बगीचामे आबि इनारसँ पानि‍ भरि-भरि गाछ पटा दइए जकरा बदलामे हम मजूरी दैत छिऐक।
वृद्धासँ सेहो पुछल गेल ओ कहलकै- हम वृद्धा छी। हमरा परिवारमे कि‍यो काज करैबला नै अछि। सभ दिन ई बच्चा आबि गहुम पीस दैत अछि, जकरा बदलामे मजूरी दैत छिऐक।
गवाहीक बयान सुनि जज मोकदमा समाप्त करैत सरकारी सहायतासँ पढ़ैक लेल सेहो आदेश देलक। परन्तु किलेन्थिस सरकारी सहायता लइसँ इनकार करैत बाजल- हम स्वयं मेहनति‍ कऽ पढ़ब तँए हमरा दान नै चाही। हमरा माता-पिता कहने छथि जे मनुखकेँ स्वावलंबी बनि जीबाक चाही।

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