Wednesday, April 11, 2012

हैरियट स्टो :: जगदीश मण्‍डल

हैरियट स्टो

अमर लेखिका हैरियट एलिजाबेथ स्टो विश्व-विख्यात पोथी, टाम काकाक कुटिया लिखने छथि। जइ समैमे ओ पोथी लिखैत रहथि‍‍‍ ओइ समए ओ कठिन परिस्थितिमे जिनगी बितबैत रहथि। ओना अकसरहाँ लोक ऐ पोथीकेँ अमेरिकाक दास प्रथाक विरोधमे लिखल मानैत छथि।
अपना परिस्थितिक संबंधमे अपन भौजीकेँ कहलखिन- चूल्हि-चाैकाक काज, नुआ-बस्तर धोनाइ, सिआइ केनाइ, जूता-चप्पल पॉलिस आ मरम्मत केनाइ जिनगीक मुख्य काज अछि। बच्चा आ परिवारक सेवामे भरि दिन सिपाही जकाँ खटै छी। छोटका बच्चा लगमे सुतैत अछि तँए जाधरि ओ सूति नै रहैत अछि ताधरि किछु ने सोचि सकै छी आ ने लि‍ख पबै छी। गरीबी आ परिवारक काज ऐ रूपे दबने अछि जइसँ समैये कम बँचैत अछि। मुदा तैयो एक-दू घंटा सुतैक समए काटि, अपने सन लोकक लेल, जनिका परिवारक अंग बुझैत छियनि, ति‍नका लेल किछु लि‍खि‍-पढ़ि लैत छी।
हुनके लिखल पोथीसँ उत्तरी अमेरिका आ दछिनी अमेरिकामे दास प्रथाक खिलाप क्रान्ति भेल।

No comments:

Post a Comment