हैरियट स्टो
अमर लेखिका हैरियट एलिजाबेथ स्टो विश्व-विख्यात पोथी,
‘टाम काकाक कुटिया’ लिखने छथि। जइ समैमे ओ पोथी लिखैत रहथि ओइ
समए ओ कठिन परिस्थितिमे जिनगी बितबैत रहथि। ओना अकसरहाँ लोक ऐ पोथीकेँ अमेरिकाक दास
प्रथाक विरोधमे लिखल मानैत छथि।
अपना परिस्थितिक संबंधमे अपन भौजीकेँ कहलखिन- “चूल्हि-चाैकाक काज, नुआ-बस्तर
धोनाइ, सिआइ केनाइ, जूता-चप्पल पॉलिस आ मरम्मत केनाइ जिनगीक मुख्य काज अछि। बच्चा आ
परिवारक सेवामे भरि दिन सिपाही जकाँ खटै छी। छोटका बच्चा लगमे सुतैत अछि तँए जाधरि
ओ सूति नै रहैत अछि ताधरि किछु ने सोचि सकै छी आ ने लिख पबै छी। गरीबी आ परिवारक काज
ऐ रूपे दबने अछि जइसँ समैये कम बँचैत अछि। मुदा तैयो एक-दू घंटा सुतैक समए काटि,
अपने सन लोकक लेल, जनिका परिवारक अंग बुझैत छियनि, तिनका लेल किछु लिखि-पढ़ि लैत छी।”
हुनके लिखल
पोथीसँ उत्तरी अमेरिका आ दछिनी अमेरिकामे दास प्रथाक खिलाप क्रान्ति भेल।
No comments:
Post a Comment