विचारक उदय
गाँधीजी बच्चे रहथि। हुनक बड़का भाय हुनका मारलकनि। गाँधीजी
कनैत माए लग आबि कहलखिन। गाँधीक बात सुनि माए कहलखिन- “तोहँू किएक ने मारलह?”
माएक बात सुनि गाँधीजी कानब छोड़ि कहलखिन- “जे गलती भैया केलनि सएह करैले
हमरो कहै छी। आकि हुनका मनाही करबनि।”
बेटाक बात सुनि माए कहलखिन- “बौआ, हम तोहर परीक्षा लेलियह।
अगर तोरामे एहेन विचारक विकास हेतह तँ आगू चलि कऽ सौंसे दुनियाँक प्रति सिनेह आ
प्रेम पौबह।”
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