नारी सम्मान
नेपोलियन बोनापार्ट अपन टुइ-लेरिस नामक महलमे स्नान-घरक
मरम्मत करबैले सचिवकेँ कहलखिन। सचिव महलक अधिकारीकेँ फ्रान्सक कुशल कारीगरकेँ बजा मरम्मत
करैले कहलकै। कारीगर आबि मरम्मत करए लगलै। जखन मरम्मत भऽ गेलै तखन नारीक नग्न चित्र सभ
सेहो बना देलकै।
नेपोलियन नहाइले गेलाह। नहाइसँ पहिने चित्र सभ देखलखिन।
चित्र देखि नेपोलियन चोट्टे घुमि कऽ आबि अधिकारीकेँ बजौलखिन। अधिकारी आएल। हृृदैक क्रोधकेँ
दबैत नेपोलियन अधिकारीकेँ कहलखिन- “नारीकेँ प्रतिष्ठा देब सीखू। स्नान घरमे जे नारीक
नग्न चित्र बनबौने छी ओ निन्दनीय अछि। जइ देशमे नारीकेँ विलासक साधन बनाओल
जाएत ओइ देशक
बिनाश निश्चित हेतै।”
नेपोलियनक आदेश सुनि अधिकारी कारीगरकेँ बजा सभ चित्र
मेटिबौलक।
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