Thursday, April 12, 2012

लौह पुरुष :: जगदीश मण्‍डल


लौह पुरुष

ई घटना १९४६ईं.क छी। बम्बई बंदरगाहमे नौ-सैनिक विद्रोह केलक। अंग्रेज शासक ओकरा -नौ-सैनिककेँ- गोलीसँ भुजि देबाक धमकी देलक। जकरा जबाबमे भारतक नौ-सेना माटिमे मिला देब कहलक। स्थिति भयानक बनि गेल। पाछू हटैले कियो तैयार नै। ओइ समए सरदार वल्लभ भाय पटेलक हाथमे बम्बईक नेतृत्व छलनि। जनिकापर सभ टकटकी लगौने। मुदा सरदार पटेलक मनमे एक्को मिसिया घबड़ाहट‍ नै। बम्बईक गवर्नर बजा कऽ मारे अन्ट-सन्ट कहलकनि। गवर्नरक बात सुनि, शेरक बोली सदृश गरजि कऽ सरदार पटेल उत्तर देलकनि- ओ -गवर्नर- अपना सरकारसँ पुछि‍ लिअ जे अंग्रेज भारतसँ मित्र जकाँ विदा हएत आकि लाश बनि।
अंगेरज गवर्नर सरदार पटेलक जबाबसँ ठर्रा गेल। आखिरकार ओकरा समझौता करए पड़ल। वएह सरदार पटेल स्वतंत्र भारतक पहिल गृहमंत्री बनलाह।
कोनो आदमीमे साहस ओहिना नै बनैत। पुरुषार्थक बलपर विकसित होइत।

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