Thursday, April 12, 2012

एकाग्रचित :: जगदीश मण्‍डल


एकाग्रचित

इंग्लैडक इतिहासमे अल्फ्रेडक नाअो इज्जतक संग लेल जाइत अछि‍। ओ अनेको साहसी काज प्रजा लेल केलनि। तँए हुनका महान् अल्फेड, अल्फ्रेड द ग्रेट नाओंसँ इतिहासमे चरचा अछि।
शुरूमे अल्फ्रेड साधारण राजा जकाँ क्रिया-कलाप करैत छलाह। जहिना बाप-दादाक अमलदारीमे चलैत छलै तहिना। खेनाइ-पीनाइ, एेश-मौज केनाइ यएह जिनगी छलनि। जइसँ एक दिन एहेन भेलै जे हुनकर कोढ़िपना दुश्मनक लेल बरदान भऽ गलैक। दुश्मन आक्रमण कऽ अल्फ्रेडकेँ सत्तासँ भगा देलकै। नुका क ओ एकटा किसानक ऐठाम नोकरी करए लगल। बर्तन माँजब, पानि भरब आ चुल्हि‍-चौकाक काज अल्फ्रेड करए लगल। नमहर किसान रहने अल्फ्रेडक देखि‍-रेखि‍ हुनकर पत्नी करैत छलीह।
एक दिन ओ कोनो काजे बाहर जाइत छलीह। बटलोहीमे दालि चूल्हिपर चढ़ल छलै। औरत अल्फ्रेडकेँ कहि देलकै जे दालिपर धियान राखब। अल्फ्रेड चूल्हि लग बैस अपन जिनगीक संबंधमे सोचए लगल। सोचैमे एत्ते मग्न भऽ गेल जे बटलोहीक दालिपर धियाने ने रहलै। बटलोहिक दालि जरि गेलै। जखन ओ औरत घुमि‍ क अाएल‍ तँ देखलक जे बटलोहिक सभ दालि जरि गेल अछि।
क्रोधसँ अल्फ्रेडकेँ कहलक- अरे मुर्ख युवक, बूझि पड़ैए जे तोरापर अल्फ्रेडक छाप पड़ल छौ। जहिना ओकर दशा भेलै तहिना तोरो हेतौ। जे काज करै छेँ ओकरा एकाग्रचित भऽ कर।
वेचारी औरतकेँ की पता जे जेकरा कहै छिऐ ओ वएह छी। औरतक बात सुनि‍ते अल्फ्रेड चौंक गेल। अपन गलतीक भाँज लगबए लगल। मने-मन ओ संकल्प केलक जे आइसँ जे काज करब ओ एकाग्रचित भऽ करब। सिर्फ कल्पने केलासँ नै हएत। अल्फ्रेड नोकरी छोड़ि देलक। पुनः आबि अपन सहयोगी सभसँ भेँट कऽ धनो आ आदमियोक संग्रह करए लगल। शक्ति बढ़लै। तखन ओ दुश्मनपर चढ़ाइ केलक। दुश्मनकेँ हरौलक। पुनः सत्तासीन भेल। सत्तासीन भेलापर पैघ-पैघ काज कऽ महान भेल।

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