Thursday, April 12, 2012

स्तब्ध :: जगदीश मण्‍डल


स्तब्ध

दोसर विश्वयुद्ध समाप्त भ गेल छल। इंगोएशियन माने आंग्ल-रूसी संधिपर हस्ताक्षर करैले चर्चिल मास्को एलाह। संधिपर हस्ताक्षरो भऽ गेल। मास्को छोड़ैसँ एक दिन पहिने अनायास स्तालिन आ मोलोटोव चर्चिल लग पहुँचि‍ कहलकनि- लड़ाइ-उड़ाइ तँ बहुत भेल। नीक समझौतो भऽ गेल। काल्हि अहाँ जेबो करब तँए आइ थोड़े मौज-मस्ती क लिअ। हमरा ऐठाम चलि भोजन करू।
स्तालिनक आग्रह सुनि चर्चिल मने-मन सोचए लगलथि जे महान् तानाशाह स्तालिन न्‍योंत देबए एलाह, आइ जरूर किछु अद्भुत वस्तु देखैक मौका भेटत। चर्चिल न्‍योंत मानि स्तालिनक संग विदा भेलाह। रास्तामे सिपाही सभ अभिवादन करनि। थोड़े दूर गेलापर एकटा पीअर रंगक दु-महला मकानक आगूमे कार रूकल। सभ कि‍यो उतरलथि। स्तालिनक संग चर्चिल मकानक भीतर गेलाह। भीतर जा चर्चिलकेँ बैसबैत स्तालिन कहलखिन- ऊपरका तल्लामे लेनिन रहैत छलाह। ओ गुरु छथि तँए ओइ तल्लाक उपयोग हम नै करै छी। ओ म्युजियम बनल अछि। निच्चाँमे तीनटा कोठरी अछि एकटामे दुनू परानी रहै छी। दोसरमे बेटी रहैत अछि आ तेसरमे पार्टी सदस्यक लेल बैसकी बनौने छी।
स्तालिनक बात सुनि चर्चिल छगुन्तामे पड़ि गेलाह जे जइ तानाशाहक डरे पूँजीवादी जगत थरथराइत अछि ओइ तानाशाहक रहैक बेवस्था एहने छै। मने-मन सोचैत चर्चिल गुम्म रहथि अाकि स्तालिन कहलकनि- थोड़े काल हमरा छुट्टी दिअ। भोजन बनबए जाइ छी।
ई सुनि चर्चिल अचंभित होइत पुछलखिन- अपने भानस करै छी, भनसिया नै अछि?”
मुस्कुराइत स्तालिन उत्तर देलखिन- नै। अपने दुनू परानी मिलि‍ भानस करै छी।
स्तालिनक बात सुनि चर्चिल हतप्रभ होइत कहलखिन- बड़ बढ़ियाँ, आइ घरेवालीकेँ भानस करए कहियनु। अहाँ गप-सप्‍प करू।
हम लाचार छी। पत्नी घरपर नै छथि। ओ पाँच बजे कपड़ा मिलसँ औतीह।
चर्चिल स्तब्ध भऽ गेलाह।

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