हाथ मे झोड़ा नेने, मोने मोन किछो गुनधुन मे पड़ल हम बजार दिस चलि जाइत रही. एतबे मे हमर लंगोटिया भजार भुटकून सोझाँ मे आबि गेलाह. ओ बम्बई सँ घर घुमल छलाह.दहिना हाथ मे अटैची रहैन्ह आ' बामा कान्ह पर बेश भरिगर बैग.नीक कमाइ छथि से सुनैत छलहुँ मुदा आइ हुनकर पहिरन-ओढ़न देख सबुत भेट गेल. लगीच अबितहि भरि पाँज पकडी लेलाह...की हाल-समाचार छौ रौ भजार..बाप रे कतेक दिनुका बाद भेँट भेल अछि..एह धन्य भए गेलहु..बजलाह. हमरो मोन हुनकर एहि मित्रता आ' हमरा प्रति स्नेह देखि गद-गद भ' गेल.पुछलियैन्ह ..की हाल छह..बहुत दिनुक बाद गाम मोन पड़लह. बिहुसैत बजलाह, काज-राज मे व्यस्त रहैत छी..समये नहि भेटैत अछि जे गाम आयब. ई त' आठम दिन बियाह छी तँइ आबय पडल. हम पुछलियैन्ह-ठीके ? ओ गंभीर होइत बजलाह-हाँ एहिठाम बगले मे रखबारी...फेर पुछलाह-मुदा तोँ एना किएक पुछलैह -"ठीक्के"?. हम कने अनमनस्क होइत बजलहुँ-नहि..नहि..अहिना..हमरा त' बिसबासे नहि भ' रहल अछि...ओना ई साल बड्ड शुभ छै देखहक ने बिदेसराक सेहो बियाह भ' गेलै. आब ओ' हम्मर बात बुझिगेल रहय.बिहुँसैत बाजल-ऐ रौ तु हमरा बुढ़ बुझैत छैह जे हमर गिनती ओहि पैतालिस बरखक बिदेसरा से करैत छैँ. हम हसैँत कहलियन्हि-नहि...नहि ..अरे हमरा कहने हेतै त' हम त' तोरा एखनो एहू पैतिस बरखक अवस्था मे अठारह बरिखक छौडा कहबह मुदा ई त' गौआ सभ कहैत रहैत छह. भुटकुन हँसैत बाजल-हाँ...हाँ..ठीके कहबी छै ने जे अप्पन बियाह भ' गेल त' लगने खतम. हम कहलियैन्ह - नहि..नहि ई कहबी विल्कुल गलत अछि. हमरा बुझने कोनो विवाहित व्यक्ति ई नहि चाहैत होयत जे अनकर विवाह नहि हो. भुटकुन आश्चर्यचकित होइत बाजल-से कियेक ? दोसरक दुर्गति के नहि देखय चाहैत अछि ?-हम कहलियैन्ह.ओ भभा के हँसय लगलाह.
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