Friday, April 6, 2012

नव-सामन्त



संगीक छोट भाए गाममे रहथि। गाममे मारि-पीट करैत छलाह से हुनका दिल्ली बजाओल गेल । एतहु गप-गप पर झगड़ा करए लागथि।
हमरा सोझेँमे एक गोटेकेँ धमकी दऽ रहल छलाह-
“दस मिनटमे पहुँचि जाह नै तँ गोली मारि देबह। बीस किलोमीटर दूरमे छह आकि चालीस किलोमीटर दूर हमरा ओहिसँ कोनो मतलब नै अछि”। 
हम हुनका विषयमे सुनिते रही मुदा आइ देखलहुँ ।
हमर संगी बुझबए लगलखिन्ह- “ठीक छैक, हम नै कहैत छी जे नै मारियौक। मुदा एकटा गप कहू जे दिल्लीमे बीस किलोमीटर दूरसँ आबएमे तीन मिनट प्रति किलोमीटरक हिसाबसँ साठि मिनट लगतैक से ओ दस मिनटमे कोना आओत”? 
विद्यार्थी भीतर चलि गेलाह। हम संगीकेँ पुछलियन्हि-
“विद्यार्थी तँ कतहु गुड़गाँवमे नोकरी ने करैत रहथि” ? 
“हँ एक ठाम दस हजारक नोकरी धरेने रहियन्हि मुदा छोड़ि देलन्हि। कहलन्हि जे हमर लेबलक पुरान सामन्त जोकर ई नोकरी नै। आब हिनकर लेबल कहैत छी- कताक प्रयास कएलहुँ जे मैट्रिक पास भए जाथि मुदा मध्यमोसँ पास नै कए सकलाह”।


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