हलसल-फुलसल पत्नी बजलीह- “आइ धरि अहाँ कहियो
मोनसँ नै चाहलौं। सभ दिन बिगड़ले रहै छी?”
पत्नीक बात सुनि छूब्ध भऽ
गेलौं जे एहेन बात कअए कहलनि!
िनच्चाँ-ऊपर देखि कहलियनि-
“अहाँ
कत्ते चाहै छी?”
कहलनि- “जहिना सभकेँ देखै छिऐ।”
कहलियनि- “आने जकाँ हमहूँ भऽ जाइ
तखन ने?”
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