Wednesday, June 5, 2013

सुरक्षित

विहनि कथा- 56
सुरक्षित

- हौ गुलटन भाइ, एना स्वतंत्र भऽ किए घुमै छऽ ?
- से किए हौ? देश परतंत्र भऽ गेलै वा कर्फ्यू लागल छै?
- नै हौ एहन बात नै छै ।असलमे तोरापर हत्यक आरोप छऽ ।कखनो पुलिस पकड़ि लठियाबैत लऽ जेतऽ ।
- केहन गप करै छऽ ।एहन किछु नै हेतै ।उपर धरि सब टेबूलपर दक्षिणा दऽ आएल छियै ।दस टा हत्या आरो कऽ देबै तखनो सुरक्षित छी, सुरक्षित . . . बुझलऽ ने ?
गुलटेन भाइ नम्हर-नम्हर डेग बढ़बैत, पानक पीक थुकैत, ठहक्का मारैत चलि गेलाह ।

अमित मिश्र

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