Saturday, June 15, 2013

खापरि धिपा कए

“यै छोटकी कनियाँ, सुनै छीयै ललिताक वर एलखीन्हेँ जाउ हुनकासँ कनीक नीक मुँहें हँसि बाजि लियौन, खुश भए जेता तँ टिकुली सेनुर लेल किछु दएओ कए जेता ।“
“एहन हँसै बजै बला आ खुश होएबला मरदाबाकेँ हम खापरि धिपा कए चेन नहि फोरि देबैन, अप्पन जमएक बड़ चिंता छनि तँ अपने जा कए किएक नहि खुश कऽ लै छथि ।”

No comments:

Post a Comment