83. फर्ज
बाप-बेटामे पिछला सप्ताहसँ महाभारत शुरू छल ।बेटा बापकेँ फटकारैत बाजल " अन्तीम अल्टिमेटम दै छी ।काल्हि धरि सबटा बैंक बाइलेन्स हमरा नामपर भऽ जेबाक चाही ।नै तँ . . . ।"
बाप हारल योद्धा जकाँ बाजल "नै तँ की ?"
" नै तँ घेंट चापि देब ।"
"अपन जीवन भरिक मेहनत-मजूरी कऽ अरजल टाका तोरा एहन वंशकुल्हरिकेँ किए दीयै ?"
" ई अहाँक फर्ज अछि ।हमर जन्मदाता छी अहाँ।हमर जीवन कोना कटतै से जनमाबैये बेर सोचितौं ।चुपचाप अपन फर्ज अदा करू ।"बेटा चौकीपर मुक्का मारैत बाजल छल ।
अपन गलतीपर अफसोच करैत बाप पुछलक "आ तूँ अपन फर्ज कहिया पूरा करबें ?"
बेटा चट दऽ जबाब देने छल "तोरा मुइलाक बाद ।उतरी पहिर कऽ ।"
अमित मिश्र
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