Saturday, June 15, 2013

मामा

“कि रौ संजैया, महिस खोलैक बेर नहि भेलैए की ?”
“जाइ छी मामा, ओ माथमे कनीक दर्द करै छल तैँ सुति रहल रही।“
“हुँ गिरै कालमे माथ नहि दुखेलहुँ आब महिस खोलै कालमे माथ दुखाइए । एतए तँ जेना कोनो कुबेरक खजाना रहै, बाप कलकत्ता ओगरने आ बेटा छह महिनासँ एतए हमर माथमे दर्द केने ।“ 

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