Wednesday, June 12, 2013

मीडिया

94. मीडिया

घर पहुँचिते लागल जे स्वर्गमे पहुँचि गेलौं ।सजल घर-दुआरि एना लागैत छल जे दिबाली छै ।कनियाँकेँ खुश देख लागल जे जरूर किओ नैहरसँ आएल हेतै ।हमरा देख ओ हँसैत बाजलनि "हे एकटा बात बुझलियै ।आइ तँ कमाल भऽ गेलै ।आइ आबि गेलै ।"
हमर शक मजगूत भऽ रहल छल ।बूझि गेलौ जे आब जेबी कटबे करत ।मन्हुआएल कहलियै " की आबि गेलै ?फरिछा कऽ बाजू ने ।"
ओ खुशीक सीमा पार करैत कहलनि "आइ छबो बलत्कारीक फाँसीक निर्णय आबि गेलै ।"
आब तँ हमहूँ खुश छलौं ।आखिर केतकीकेँ न्याय भेँटि गेलै ।"यै ई चमत्कार कोना भेलै ?" हमर सबालपर ओ उत्तर देलनि "ई मीडिया बला तते ने छापलकै जे सरकारकेँ मजबूर हुअऽ पड़लै ।सत्तमे अपन देशक मीडिया बड मजगूत अछि ।"
आइ हमरा मीडिया लेल सम्मान सए गुणा बढ़ि गेल ।

अमित मिश्र

No comments:

Post a Comment