Saturday, June 15, 2013

चयन



मेटरनिटी वार्ड । सा० दर्दसँ बफाइर तोरैत । छोटका अस्पतालसँ बड़कामे रेफर कए कऽ लाएल गेलथि । अल्ट्रासाउंड रिपोर्टक मुताबीक आठ मासू जौँआ बच्चाक होनिहार तेँपर दुनू बच्चा उल्टा । बड्ड क्रिटिकल केस, पैघ डॉक्टरक एकटा टीम हरान हरान । एक तँ समयसँ पूर्व ओहूपर जौँआ आ सभसँ कठीन जे दुनू बच्चा उल्टा । डॉक्टरक सामने आब ओपरेशनकेँ अलाबा आन कोनो उपाय नहि । जल्दीसँ जल्दी ओपरेशन करैक आवश्यकता, नहि तँ जच्चा बच्चा दुनूक ने तीनुक जानक खतरा भए सकै छल । डॉक्टरक टीम फटाफट ओपरेशनक तैयारीमे जुटि गेल | ओहि टीमक एकटा स्टाफ नर्स फाइल नेने बाहर आबि, “सा०केँ परिवार वला सभ ।“
सा०क परिवारक सभ आगू अबैत, “हाँ ।“
“सा०केँ पति ।“
“जी ।“ सा० केँ पति दू डेग आगू आबैत ।
“ई ओपरेशनक कागज अछि । बहुते क्रिटिकल केस छैक । अपनेकेँ बुझले अछि, बच्चा समयसँ डेढ़ महिना पूर्व, जौँआ आ ताहूपर दुनू उल्टा आगू बढ़ैत बढ़ैत दुनू छाती लग आबि गेल छैक । ऐनामे जँ जल्दी ओपरेशन नहि होएत तँ किछु भऽ सकैत छैक ।“
“जी ।“
“हमर सभक प्रयास रहत तीनु प्राणकेँ नीकेना बचाएल जाए मुदा केसक क्रिटिकली देखैत माए अथवा दुनू बच्चामे सँ केवल एकटाकेँ हम सभ गारेन्टी लए सकै छी । से अहाँ लिख कए दिअ जे अहाँकेँ पहिले के चाही सा० की दुनू बच्चा ?“
“ठीक छै लाउ हम लिख कए साइन कऽ दै छी, हमरा सा० आ दुनू बच्चामे सँ एकटाक चयन करअ  परत तँ  हम सा०केँ प्राण चाहैत छी ओना हम भगवानसँ प्राथना करैत छी जे तीनु जानक रक्षा करथि ।“
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जगदानन्द झा 'मनु'

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