Friday, June 7, 2013

उपहार


“अहाँ हमरा उपहारमे की देब ?”
“हम दऐ की सकै छी ? हमरा लग अछिए की ? मात्र सिनेह अछि, प्रेम अछि अहाँक लेल शुभकामना अछि | पाइ तँ नहि अछि मुदा पिआर दए सकै छी सम्मान दए सकै छी |”
“वस ! वस ! हमरा अओर किछु नहि चाही | अहाँक ई पिआर अहाँक सिनेह अहाँक शुभकामना एकर कोनो मोल नहि अछि ई तँ अनमोल अछि | अहाँ भेट गेलहुँ हमरा दुनियाँक सभ खुशी भेट गेल |”

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