“अहाँ हमरा उपहारमे की देब ?”
“हम दऐ की सकै छी ? हमरा लग अछिए की ? मात्र
सिनेह अछि, प्रेम अछि अहाँक लेल शुभकामना अछि | पाइ तँ नहि अछि मुदा पिआर दए सकै
छी सम्मान दए सकै छी |”
“वस ! वस ! हमरा अओर किछु नहि चाही | अहाँक ई
पिआर अहाँक सिनेह अहाँक शुभकामना एकर कोनो मोल नहि अछि ई तँ अनमोल अछि | अहाँ भेट
गेलहुँ हमरा दुनियाँक सभ खुशी भेट गेल |”
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