Thursday, June 13, 2013

भगवानक बेज्जती

96. भगवानक बेज्जती

एकटा भक्त भगवानसँ प्रार्थना कऽ रहल छल ।भगवानकेँ अपना घर बजा रहल छल ।संयोगसँ ओहि राति भक्तकेँ सपनामे भगवानक दर्शन भेलै ।भक्त अपन घर आएबाक नोंत देलकै ।ताहिपर भगवान मना करैत कहलनि "वत्स, धरतीपर आएबाक मतलब अछि अपन बेज्जती कराएब ।तूँ सब अजीब गीतसँ हमर गुणगान करै छऽ ।हमर महिमा कम, कनियाँक बेसी रहै छऽ ।टाका कमेबाक लेल गलत-सलत मंत्र पढ़ै छऽ ।फेर दोसर ठाम जा कऽ तेहने बात ।दर्शन कऽरऽ कम, मेला देखऽ बेसी जाइ छऽ ।एहन जँ तोरा एतऽ जाएबऽ तँ हमर समाजमे इज्जत घटि जाएत ।तेँ हम नै एबऽ ।तेँ पूजा-पाठक अंधविश्वास जुनि करऽ ।अपन कर्मपर धियान दए ।"
अगिला दिनसँ ओ भक्त अपन पारिवारिक काजमे लागि गेल ।

अमित मिश्र

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