बांसक करचीपर झिमनीक लत्ती जकाँ एक दोसरसँ लपटेएल,
“की हम सभ जे ई कए रहल छी ठीक छैक..... जँ
भैयाकेँ बुझहएमे आबि गेलनि तँ ?”
“बुझथीन कोना, कहबनि तँ हमहीँ आ जँ अहाँ हमरा
एनाहितेँ खुश राखब तँ हम कहबे किएक करबनि। दोसर अहाँक भैयाकेँ जँ एतेक पुरुषार्थ रहितैन
तँ एकर नौबते किएक अबितेए।”
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