108. सासु-पुतौह
मृत्युशैयापर पड़ल सासु सिरमामे ठाढ़ पुतौहकेँ कहलनि "कनियाँ, हम छगुन्तामे पड़ल छी ।"
पुतौह पंखा हौंकैत बाजल "से किए ?कोनो बातक चिन्ता छन्हि ?"
"नै नै, चिन्ता नै अछि ।एकटा बात अछि जे बीस वर्षमे अहाँसँ कहियो झगड़ा नै भेल ।"
पुतौह मुस्कैत बाजल "झगड़ा भेनाइ जरूरी तँ नै छै ?"
सासु गम्भीर होइत बाजलनि "आजुक जमानामे तँ सासु-पुतौहमे झगड़ा होइते छै ।ई तँ नियम अछि ।तखन अहाँ संग किए नै भेल ?"
"माँजी, झगड़ा तँ मूर्ख करैत अछि ।माएसँ कतौ झगड़ा भेलैए ।ओनाहितो सबटा नियम टूटैये लेल बनै छै ।माए-बेटीक बीचमे झगड़ाक जगहे नै बचै छै ।"ई कहि पुतौह दवाइ पीबऽ लागलै आ सासुक आँखि भावनामे बहऽ लागलै ।
अमित मिश्र
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