Saturday, July 6, 2013

पुरुषार्थ




बांसक करचीपर झिमनीक लत्ती जकाँ एक दोसरसँ लपटेएल, “की हम सभ जे ई कए रहल छी ठीक छैक.....  जँ भैयाकेँ बुझहएमे आबि गेलनि तँ ?”  
“बुझथीन कोना, कहबनि तँ हमहीँ आ जँ अहाँ हमरा एनाहितेँ खुश राखब तँ हम कहबे किएक करबनि। दोसर अहाँक भैयाकेँ जँ एतेक पुरुषार्थ रहितैन तँ एकर नौबते किएक अबितेए।”

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