“सुनलीयै
बलचनमाकेँ बेटा भेलैए।”
"हाँ, सुनलीयै
तँ हमहूँ।"
"राम-राम घोर कलियुग आबि गेलहि।”
"एहिमे
कलियुग आ द्वापरकेँ की गप्प भेलै।"
“भेलै
नहि, बलचनमा अपने दू बर्खसँ
गुजरातमे पेट पोसने अछि आ एहिठाम ओकर कनियाँकेँ बेटा भेलै, ई कलियुग नहि तँ सत्ययुगक गप्प भेलै।”
"यौ महराज अहाँ किएक एतेक हिसाब किताब रखै छी। बलचनमाकेँ बेटा भेलै
तँ भेलै। ओना ई गप सभ कलियुगक नहि द्वापरे त्रेताक छीयैक। बिसरि गेलियै राजासुधन्वा - मत्स्यगंधा
आ व्यास जन्मक कथा। जखन ओहि कालमे पातपर वीर्य राखि पठावल जा सकैत छल तखन तँ आइ
फेक्स आ ई-मेलक जमाना छैक आ सत्यक धरातलपर आउ तँ तीन महिनामे बकरीयो मिमिए लगै छै। ओनाहितोँ दू बर्खक समय बड्ड नम्हर है छैक।"
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