Wednesday, May 29, 2013

सार




एकटा अबोध नेना अपन मामासँ, “यौ मामा”
“हाँ ”
“ई सार केकरा कहैत छै |”   
“किएक “
“ने कहू तँ “
“की भेलै से”
“भेलै किछु नहि कनीककाल पहिले बाबू, माएसँ कहैत छलखिन्ह, ई सार सभ जखन तखन मुँह उठा कए चलि अबैए |”

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