Sunday, May 26, 2013

जमाना

विहनि कथा-33
जमाना

- यौ, कते मास भऽ गेल ।एक मासक पाइ गाम पठा दिऔ ।
- ठीके कहलौं अहाँ, हम तँ बिसरिये गेल छलौं ।
- जे-जेना । काल्हि मनीआर्डर कऽ देबै ।
- हाय रे पगली ।तोहर सुझावपर चलब तँ दिन-दहाड़े लुटा जाएब ।
- से कोना ?
- से एना जे गामक लोक आ डाकपीन लाख टकाक मनिआर्डर देखतै तँ सब बुझि जेतै जे छौड़ा बड कमाइ छै ।
-ई तँ खुशीक बात ने ? इलाकामे नाम भऽ जाएत ।
- सत्तमे मौगीकें दिमाग नै होइ छै ।गे, आब पहिले बला जमाना नै छै ।आब जखने पता चलतै जे फल्लाँ मातबर छै बस अपहरण आ लूटक योजना बनऽ लागतै ।
- सत्त कहै छी अहाँ ।आब जमाना बड खराब भऽ गेलै ।मनुखता निपत्ता भऽ गेलै ।

अमित मिश्र

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