Thursday, September 6, 2012

विहनि कथा


विहनि कथा
बीस टाका
हम भोरे भोर उठि कऽ अपन बगीचा मे फूलक गाछ सब केँ पटबै छलहुँ। करीब सात-सवा सात बाजैत हेतै। तावत सडक दिस सँ हो-हल्ला सुनायल। हमर निवास मुख्य सडकक काते मे अछि, तैं सडक पर होय बला सब घटना आ दुर्घटना देखाइत आ सुनाइत रहैए। हम हल्ला सुनि सडक दिस ताकलहुँ। देखै छी जे हमर फाटकक ठीक सामने मे एकटा मिनी ट्रक लागल अछि आ ओकरा आगाँ एकटा सिपाही मोटरसाईकिल लगा कऽ ठाढ अछि। ओ सिपाही ट्रकक ड्राईवर केँ गरियौने जाईत छल आ ट्रक जब्त करबाक धमकी सेहो दऽ रहल छल। सिपाही कहलक- "नो इंट्रीक टाईम भऽ गेल छै आ तों सब ट्रक शहर मे ढुका देलही। आब चल थाना, जब्ती हेतौ ट्रकक। तोरा सबकेँ बूझल नै छौ जे सात बजेक बाद नो इंट्री भऽ जाइ छै।" ट्रक पर पाछाँ मे एकटा महीस छल आ ओइ महीसक संग एक गोटे ठाढ छल जे कने कडगर भऽ बाजल- "यौ सिपाही जी, एखनी सात बाजि कऽ पाँचे मिनट भेल छै आ हम सब शहर मे जखन ढुकल छलियै तखनी पौने साते बाजै छलै। आब ई नो इंट्री कोना भऽ गेलै। शहर मे ढुकबा काल ओतुक्का सिपाही जी केँ नजराना सेहो देने छियै, अहाँ मोबाईल सँ फोन कऽ कऽ बूझि लियौ।" आब तँ सिपाही जे बमकल से नै पूछू। सोझे ड्राईवर लग गेल आ बाजल- "पाछाँ मे ओकील चढेने छी की? सार हमरा कानून झाडैए। ओकरा तँ जे हम करबै से केलाक बादे बूझतै ओ .................., तू चाभी ला, ट्रक जब्त हेतौ। सात बाजि कऽ दस मिनट भऽ गेल छै आ नो इंट्री मे ट्रक ढुका कऽ कानून छाँटै जाइए।" ड्राईवर ऐ लाइनक पुरान खेलाड छल। ओ हाथ जोडैत कहलकै- "सरकार, कथी लए तमसाई छी। ओ मूर्ख छै। अहाँ हमरा सँ गप करू ने। हे ई लियऽ दस टाका चाह पानक खर्चा आ हमरा जाई दियऽ बड्ड दूर जेबाक छै।" सिपाही कने नरम होईत ओकर हाथक टाका दिस लुब्धता सँ ताकैत कहलक- "हे रौ तू होशियार बूझाईत छैं, मुदा दस टाका सँ काज नै चलतौ। बड्ड महगी छै, बीस टाका निकाल।" ड्राईवर बाजल- "पछिलो चौक पर पाई लेलखिन्ह सिपाही जी आ अगिलो चौक पर लेबे करथिन्ह। एकटा महीसक पाछाँ कतेक जगह काटब अहाँ सब। सरकार पएर पकडै छी, अहाँ एहि सँ काज चला लियऽ।" सिपाही गरमाईत कहलक- "चल थाना। टाईम खराप नै कर। बोहनी बेर मे भोरे भोर सबटा नाश नै कर। तोहर दिमाग ठेकाना पर नै छौ।" आब ओ ड्राईवर बूझि गेल रहै जे ई सिपाही मानै बला नै छै। ओ तुरत बीस टाका निकाललक आ सिपाही दिस बढेलक। सिपाही चारू कात देखैत मुट्ठी मे बीस टाका दाबलक आ चेतावनि दएत कहलक- "जो भाग जल्दी, तोहर नसीब ठीक छौ। बडा बाबूक नजरि मे जँ आबि गेलही बाउ तँ ओ बिनु एक सय केँ नै छोडथुन्ह। हुनकर मौर्निंग वाकक समय भऽ गेल छैन्ह। आबिते हेथुन्ह केम्हरो सँ।" ई कहैत ओ सिपाही अपन मोटरसाईकिल इस्टार्ट कएलक आ विदा भेल आ ट्रक सेहो दस मिनटक घेंघाउज आ बीस टाकाक दक्षिणाक बाद गन्तव्य दिस चलि देलक।

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