Saturday, August 31, 2013

ठोपे ठोप

139. ठोपे ठोप

सीमापर एकटा सैनीक गोली खा कऽ खसि पड़ल छल ।ओकर देहसँ ठोपे ठोप खून बहि रहल छल ।ओकर देहक घाव बहैत खूनकेँ कहलकै "रौ खून, तूँ एक्के बेर किए ने बहि जाइत छें ?ठोपे ठोपे बहबें तँ बेसी देर लागतौ आ हमरा दर्दो बेसी हएत ।जल्दीसँ बहि जो जे जल्दी मृत्यु भेंट जेतै आ दर्दसँ छुआछन भेंट जेतै ।"
घावक बात सूनि खून कहलकै "रौ भाइ, हम एकटा देशभक्त सैनीकक खून छियै आ मातृभक्त सैनीक बेसीसँ बेसी देर माएक कोरामे रहऽ चाहैत अछि तें ठोपे ठोपे बहैत छियै ।जते देर माएक कोरामे रहि जाएब, मरबाक तँ अछिए ने ?"

अमित मिश्र

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