Thursday, August 1, 2013

मजबूरी




एकटा समाचार –
फलां नियालयकेँ फलां जजक कथन, “एकटा पुरुख आ एकटा स्त्री जँ कोनो कोठरीमे बन्द कए देल जेए तँ हुनक दुनूक बिच मात्र सेक्स चर्चा अथवा सेक्स होएत।”
एहि समाचारपर बहुतो रास तथाकथित समाजक ठेकदार सभक विरोध आएल मुदा सत्यकेँ हाजिर नाजिर राखि करेजापर हाथ रखला बाद कियो सत्य कहे, एसगर कोठरीमे की रस्तो चलैत एक दोसर बिपरीत लिंगक मोनमे एहने गप्प नहि अबैत छैक मुदा बाहर समाजक लज्या आ मजबूरी, अन्दर कोठरीमे स्वेक्षा आजादी। विशेष कए पुरखक मोनमे।

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