Wednesday, September 25, 2013

कारण

149. कारण

चारि टा महिला एक्कै ठाम बैसल बतियाइत छल ।एकटा महिला कने बुढ़ छलै ।दोसर जुआने छल ।तेसर चारिम अधवयसु छल ।तेसर महिला बुढ़ियाकेँ पुछलकै "एँ यै अहाँक कए टा ढेनमा-ढेनमी अछि ?"
ओ उत्तर देलकै "भगवानक दयासँ नौ टा बेटी आ सबसँ जेठ एकटा बेटा अछि ।"
बुढ़ियाक बाद सूनि चारिम महिला कहलकै "बाप रे बाप ! अहाँ आदमी छी वा मशीन !दस दस टा बच्चा कोना जनमाएल भेल!"
ई सूनि जुअनकी बाजलै "आहि रे वा, ई कोनो चोरी केलखिन हें ।बेटीक घटैत संख्याँ देख बेटी जनमा कऽ समाजक उपकार केलखिन हें ।"
तेसरकी मुँह बिचकाबैत बाजल "एँ यै अहाँक दिमाग-तिमाग घुसकि गेल अछि ? जखन एकटा बेटा भइये गेल तखन नौ टा बेटी जनमेबाक कोन बेगरता छल ?"
एकर बात सब अपन-अपन तर्क बुढ़ियाँकेँ सुनबऽ लागल ।अन्तमे बुढ़िया सबकेँ चुप करेलक आ बाजल "अहाँ सभक चिन्ता हम दूर कऽ दैत छी ।आजुक बेटाक कोन ठेकान, कखन की करत ? जँ बेटा गंजन करत तँ बेटीक शरण लेब तें बेटी जनमेबाक बेगरता छल । संगहिं एकै टा बेटीपर बोझ नै बनी तेँ नौ टाकेँ जनमेलौं ।बुझलियै ने ?"
बुढ़ियाँक फरिछाएल गणित आ बेटी जनमेबाक कारण सूनि सब अवाक् छल ।

अमित मिश्र

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