जिनगीमे पहिल खेप रविया
माएकेँ बृद्धा पेन्सन भेटलनि। मन खुब खुशी भेलनि जे सरकारमे हमरो हिस्सा अछि।
विडियो सहाएब अपने हाथे बँटता तँए घूस-पेंचक डरे नै। तहुमे गामेक स्कूलपर आबि
कऽ बँटता। पता लगल जे विडियो सहाएब बेरादरे छथि। तँए ओढ़ि-पहिर कऽ जाएब जरूरी
अछि। पुतौहूबला चपलो आ साड़ियो पहिर विडियो सहाएबक सोझमे बैसलौं। नाओं पुकार
भेल। सहाएबक आगूमे ठाढ़ भेलौं। पुछलनि- “कि नाम?”
कहलियनि- “मरनी।”
सुनिते कहलनि- “समए
बदलि रहल छै, नाम बदलि लिअ।”
कहलियनि- “हाकिम, ननीक
पोसलो छी आ नानीऐक देल नाउअों छी।”
चकोना भऽ विडियो सहाएब
पुछलनि- “कि नानिक देल?”
कहलियनि- “हाकिम, जन्मे
दिन माए मरि गेलि। आेही दिनसँ नानीये पोसबो केलनि आ मरनी बेटी कहि नाउओं रखि
देलनि। सियान भेलौं। आब लोक मरनियेटा कहैए।”
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