बीहनि कथा
बीहनि कथा मैथिली बीहनि कथाक पहिल जालवृत्त/ संस्कारक खोज थिक बीहनि कथा (विदेह पेटारसँ)
Pages
Home
विहनि कथा आलेख
Friday, May 6, 2016
मँुह झौँसा
“गै दैया ! एतेक आँखि किएक फूलल छौ ? लगैए रा त भरि पहुना सुतए नहि देलकौ।”
“छोर, मँुह झौँसा िकएक नहि सुतए देत, अपने तँ ओ बिछानपर परैत मातर कुम्भकरन जकाँ स ुति रहल आ हम भरि रा ति कोरो गनैत बितेलहुँ।”
@
जगदानन्द झा 'मनु'
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment