Friday, June 15, 2012

मार बाढ़नि तेसरो बेटीए




हेमंत बाबूक बेटी रोशनी, अपन नामक अनुरूपे अपन कृतीक पताका  चारू कात लहराबति, आईएएसकेँ परीक्षामे भारत वर्षमे प्रथम दसमे अपन स्थान अनलथि | समाचार सुनि हेमंत बाबू दुनू परानीक प्रशन्नताक कोनो ठीकाने नहि | जे सsर सम्बंधी आ समाजक लोक सुनलनि सेहो सभ  दौड़-दौड़ आबि हेमंत बाबूकेँ बधाइ दैत | रोशनी बड्डका जेठका सभकेँ प्रणाम करैत आशीर्वाद लैत |
फूलो काकी फूल जकाँ हँसैत- बजैत एलि, रोशनी हुनक दुनू पेएर पकरि आशीर्वाद  लेलनि  | फूलो काकी रोशनीकेँ अपन करेजासँ लगबैत टपाकसँ बजलिह, "हे यौ हेमंत बौआ, अहाँक तेसर ई  फेक्लाही बेटी तँ सगरो खनदानकेँ जगमगा देलक |"
हुनकर  एहि गप्पपर सभ कियो ठहाका मारि कए  हँसय लागल | मुदा हेमंत बाबू आइसँ एक्किश बर्ख पाछूक इआदमे विलीन भए  गेला - - | दूटा बेटी भेला बाद कोना ओ बेटाक इक्षामे मंदिरे-मंदिरे  देवता पितरकेँ आशीर्वाद लेल  भटकैत   रहथि | मुदा  हुनकर सभटा मेहनत बेकार भेलनि जखन हुनक कनियाँक तेसर प्रसब पीड़ाकेँ बाद फूलो काकीक स्वर  हुनकर कानमे परलनि,  " मार बाढ़नि  तेसरो बेटीए ....."
एहिसँ  आँगा हुनका किछु नहि सुनाई देलकन्हि  | जेना की अपार दुखसँ मोनमे कोनो झटका लागल होइन, ओ अपन जगहपर ठारकेँ ठारे रहि गेल रहथि    |
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जगदानन्द झा 'मनु'

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