Monday, June 10, 2013

फर्ज

83. फर्ज

बाप-बेटामे पिछला सप्ताहसँ महाभारत शुरू छल ।बेटा बापकेँ फटकारैत बाजल " अन्तीम अल्टिमेटम दै छी ।काल्हि धरि सबटा बैंक बाइलेन्स हमरा नामपर भऽ जेबाक चाही ।नै तँ . . . ।"
बाप हारल योद्धा जकाँ बाजल "नै तँ की ?"
" नै तँ घेंट चापि देब ।"
"अपन जीवन भरिक मेहनत-मजूरी कऽ अरजल टाका तोरा एहन वंशकुल्हरिकेँ किए दीयै ?"
" ई अहाँक फर्ज अछि ।हमर जन्मदाता छी अहाँ।हमर जीवन कोना कटतै से जनमाबैये बेर सोचितौं ।चुपचाप अपन फर्ज अदा करू ।"बेटा चौकीपर मुक्का मारैत बाजल छल ।
अपन गलतीपर अफसोच करैत बाप पुछलक "आ तूँ अपन फर्ज कहिया पूरा करबें ?"
बेटा चट दऽ जबाब देने छल "तोरा मुइलाक बाद ।उतरी पहिर कऽ ।"

अमित मिश्र

No comments:

Post a Comment