Sunday, June 9, 2013

की केलनि ओ ?

75. की केलनि ओ ?

"सुनै जाउ ।अहाँ सब बुझनुक छी ।नीक-बेजाए बुझैत छी ।हमर बेटाकेँ जीतेलेसँ अहाँ सभक भला हएत ।" एकटा नेता जी चुनावी सभाकेँ सम्बोधिक कऽ रहल छलाह । तखने भीड़सँ किओ बाजलै " एहन की खास बात अछि अहाँक बेटामे जे ओकरा बिनु भला नै हेतै ।"
नेता जी एक गिलास पानि पीबैत कहलनि " ओ पढ़ल- लिखल अछि ।अहाँक समस्या बूझि सकैत अछि ।सांसदमे धारा-प्रवाह बाजि सकैत अछि ।आ एकटा प्लस प्वाइन्ट ई जे ओ युवा अछि ।"
भीड़ समवेत स्वरमे बाजि उठल " ई सब तँ ठीक अछि, मुदा ओ अपन धरतीपर रहल कहाँ ।सब दिन विदेशे रहल ।अहाँ दलबदलू छलहुँ तँ बेटोक सम्भावना बढ़ि जाइत अछि , आ आइ धरि ओ हमरा सब लेल करबे की केलथि ?अहाँ पाइ बले छी आ अहाँक विरोधी काज बले ।पहिने बेटाकेँ कहियौ समाजक दुख देखबाक लेल तखन भोट भेटत ।जाउ . . .जाउ ने ।"

अमित मिश्र

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