Sunday, June 9, 2013

पहिल राति




रातिकेँ करीब साढ़े एगारह बजे, घरक पाछूक बड़ीसँ कुकुरकेँ कानैक स्वर सुनाइ दऽ रहल छलै ।
“कि एहि अँगनामे कएकरो अकाल मृतु भेल छलै ।“ कनियाँ अप्पन बरसँ पुछ्लनि, जिनक ब्याह सात दिन पहिने भेल छल । आइ दुरागमन आ कनियाँक ससुरक पहिल राति । केखनो -केखनो आँगनमे कएकरो पएरक चलैक अबाज । दुपहरिया रातिक डराउन चुप्पीमे ओ नव जोड़ा जागैत चुप-चाप परल । कौआक काँव-काँवसँ भोरक पहिल इजोतक आगमन ।
दिनक पहिले उखराहामे बर, एकटा पहुँचल वैदक दुकानपर । सामने दुकानक साइन बोर्डपर लिखल ‘शर्तिया मरदाना ताकतकेँ लेल संपर्क करू’ ।

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