Wednesday, May 29, 2013

अरबाचाउर




“गे बौआ कनी काकीसँ अरबाचाउर माँगि कए नेने आ |”
“नहि, हम नहि जेबौ, हमरा माँगैमे लाज लगैए |”
“दैया ने, की करबै देखी कतेक दिनपर मामा एलैए, की कहतै एकरा घरमे अरबोचाउर नहि रहै जे उसनाचाउरक भात खुवेलक |”
“मामक ई सोचनाइ बढियाँ, की काकीक ई सुननाइ– आइब गेलहुँ ढकनी लए कऽ माँगै लेल |”

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