Thursday, April 5, 2012

विहनि कथा- ठक

किछु दिन पहिने जखन हम पूर्णियाँसँ पटनाक लेल बस पकड़लौं तँ हमर एकटा मित्र सेहो पटना परीक्षा दै लेल जाइ छल, संयोगसँ हमरा दुनू गोटेक सीट मीरा ट्रेवल्स नामक बसमे छल जे बस बिहार राज्य पथ परिवहन निगमक अधीन आबै छल जकर पटनामे लागैक जगह गांधी मैदानसँ सटल इलाका छल। तँ हम दुनू गोटे एकटा टेम्पूसँ पहुँचलौं महावीर मन्दिरक पाछाँमे एकटा बड निक सनक चाहवलाक दोकान छलै जकर दोकानमे चाह पीबए बलाक भीड़ लागल रहै छलै, से हमहुँ दुनू गोटे चाह पीबए लेल गेलौं। किए तँ हमरो दिल्ली आबैक छल आ हमर मित्रकेँ दिनक २ बजेसँ परीक्षा छलै से हम दुनू गोटे सोचलौं जे किए नै पटना घुमी। हम दुनू गोटे पहिल शुरूआत महावीर मन्दिरसँ शुरू केलौं, ओना तँ पटना हम बहुतो बेर घुमल छी मुदा हमर मित्र कहलक जे चलू दुनू गोटे आइ घुमी। शुरूआत भगवानक दर्शनसँ भेल। ओकर बाद स्टेशन परिसरमे लागल पुरान कोयलाक मशीन छलै, से हम दुनू गोटे ओतए घुमऽ लगलौं। जखन चारू कातसँ घुमल भऽ गेल तँ एकटा कोनामे देखलौं, एकटा महिला बड जोरसँ कानै छल, से हम दुनू गोटे ओतए गेलो तँ दंग रह गेलौं किए तँ ओतए एकटा महिला एकटा मुर्दाक संग लिपटि-लिपटिकऽ कानै छलै आ कहै छलै जे हमरा पासमे कफन लेल पैसा नै छल से अहाँ सभ हमर मदद करू। लोक सभ ओकरा किछु ने किछु पाइ देबऽ लागल। हमरो इच्छा भेल जे किछु पाइ हमहुँ दिऐ, से हम अपन पाकेटसँ २० टाकाक एकटा नोट निकालिकऽ ओकरा देलौं, से ओ हमरा आर्शीवाद देलक आ कहलक जे अहाँ ढेरो दिन जीबू। हमरा ओकरापर दया आबि गेल मुदा हमर दोस्त हमरा कहलक जे अहाँ ठका गेलौं। हम ओकरा कहलो एना कोना तँ ओ कहलक जे अहाँ एकर स्थिति देखू तँ अहूँकेँ एकरापर शक भऽ जाएत। हमरा ऐ बातपर यकीन नै भेल मुदा हमर दोस्तक कहब तँ ठीके छलै। फेर ओतए एकटा लोककेँ सेहो पुछलौं तँ ओहो सएह बात कहलक आर तँ आर ओ तँ इहो कहलक जे एकरा लहाश जानै छिऐ के दै छै। हमरा सेहो मोन भेल जे बताउ के दै छलै। ओकर मुँहसँ जखन सुनलौं तँ पएर लगक माइट खसकि गेल किए।

ओकरा पुलिस बला एक सए टकामे लावारिस लहाश दऽ दैत छलै, ई ओकरासँ कमा कऽ लाश गंगामे नै तँ कतौ आन ठाम लऽ जा कऽ फेकि दैत छलै। हमरो ता तक ट्रेनक समए भऽ रहल छल से हमहूँ अपन ट्रेन पकड़ैले स्टेशनक अन्दर चलि गेलौं। ठक तँ पुलिस छलै, बेचारी बुढ़िया की ठकत, ओकरासँ ठका कऽ हमरा नीके लागल।

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